रायपुर, 19 सितम्बर 2025 (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में "बिग बॉस" सिर्फ़ एक चमक-दमक वाला टीवी शो नहीं, बल्कि कथित तौर पर एक ऐसा शराब सिंडिकेट था जिसका संचालन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल करते थे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि यह कोई रियलिटी शो नहीं, बल्कि राजनीति की परछाइयों में बुना गया अरबों रुपये का काला खेल था।
ईडी की गिरफ्त में "बिट्टू", अब ईओडब्ल्यू भी करेगी पूछताछ:
चैतन्य बघेल उर्फ़ "बिट्टू" इस समय ईडी की हिरासत में हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) भी उनकी कस्टडी लेने की तैयारी कर रही है। 15 सितंबर को ईडी ने कोर्ट में पांचवां पूरक आरोप-पत्र दायर किया, जिसमें खुलासा हुआ कि चैतन्य अकेले ही हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की रकम को मैनेज करते थे।
"बिग बॉस" नाम का व्हाट्सऐप ग्रुप:
जांच के दौरान एक व्हाट्सऐप ग्रुप सामने आया, जिसका नाम ही "बिग बॉस" था। यही ग्रुप पूरा नेटवर्क संभालता था—किसे कितनी रकम देनी है, किसे फोन करना है और कैसे नकद व नकली होलोग्राम के ज़रिए कारोबार चलाना है। इस ग्रुप में शामिल थे – चैतन्य बघेल (बिट्टू), कांग्रेस नेता अनवर ढेबर, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी अधिकारी सौम्या चौरसिया और व्यापारी पुष्पक।
सबूतों से और मज़बूत हुआ केस:
ईडी को नेताओं और अफ़सरों के मोबाइल से चैट्स, कॉल डिटेल और स्क्रीनशॉट मिले हैं। एजेंसी का आरोप है कि चैतन्य ने खुद कम से कम 200 करोड़ रुपये कमाए, जबकि 850 करोड़ रुपये कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल तक पहुंचाए गए।
कारोबारी पप्पू बंसल का बयान:
भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले शराब कारोबारी पप्पू बंसल ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने और चैतन्य ने 1000 करोड़ रुपये से ज़्यादा नकद का लेन-देन किया। सिर्फ़ तीन महीनों में ही बंसल ने 136 करोड़ रुपये इधर-उधर पहुंचाए।
रियल एस्टेट में लगाया गया काला धन:
चार्जशीट में कहा गया है कि चैतन्य की कंपनियां – विठ्ठल ग्रीन और बघेल डेवलपर्स एंड एसोसिएट्स – मनी लॉन्ड्रिंग का ठिकाना बनीं।फ्लैट्स की ख़रीद-फ़रोख़्त और ज़मीन के सौदों में काला धन लगाया गया।
वकील का बचाव – "राजनीतिक साज़िश":
चैतन्य के वकील फ़ैसल रिज़वी का कहना है कि केस राजनीतिक प्रेरित है। उनके मुताबिक़ गिरफ्तारी सिर्फ़ पप्पू बंसल के बयान पर आधारित है और असल मकसद पूर्व मुख्यमंत्री को निशाना बनाना है।
शराब घोटाले का खाका:
हर शराब केस पर कमीशन लेकर 300 करोड़ से अधिक जुटाए गए। नकली होलोग्राम और अवैध ट्रकिंग से करोड़ों कमाए गए। विदेशी शराब लाइसेंस (FL-10A) चुनिंदा कंपनियों को बांटकर 211 करोड़ रुपये का फायदा उठाया गया।
ईडी का दावा – "हाई-परफॉरमेंस करप्शन इंजन":
ईडी के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच कम से कम 1392 करोड़ रुपये कांग्रेस नेताओं और सहयोगियों तक पहुंचे। चैतन्य बघेल को इस पूरे "बिग बॉस सिंडिकेट" का मुख्य सूत्रधार बताया गया है।