बिलासपुर 26 अक्टूबर 2025 (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी, बिलासपुर से एक चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। चार दिन पहले विश्वविद्यालय परिसर के तालाब से मिले अज्ञात युवक के शव की आखिरकार पहचान हो गई है।
यह शव यूनिवर्सिटी से लापता हुए छात्र अर्सलान अंसारी का है। अर्सलान पिछले कुछ दिनों से गायब था, और अब उसकी मौत की खबर ने पूरे कैंपस में शोक और आक्रोश दोनों फैला दिए हैं। गुरुवार को यूनिवर्सिटी परिसर के तालाब में एक युवक का शव तैरता हुआ मिला था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मॉर्च्युरी में सुरक्षित रखा था। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
परिजनों के आरोप: “हमें सच छिपाया गया”:
मृतक के भाई अयूब अंसारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जब वे बिलासपुर पहुंचे, तो उन्हें केवल फोटो दिखाया गया। भाई का शव दिखाने नहीं दिया गया, जिससे पहचान की पुष्टि नहीं हो सकी। अयूब का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया, और मीडिया या बाहरी लोगों से मिलने नहीं दिया गया।परिजनों का यह भी आरोप है कि कोनी थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया। बार-बार कार्रवाई की मांग के बावजूद, अब तक मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया है।
छात्रों में आक्रोश, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप:
यूनिवर्सिटी के छात्रों में इस घटना को लेकर भारी गुस्सा है। उनका कहना है कि यह प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। तीन दिन तक छात्र लापता रहा, लेकिन न तो प्रशासन को खबर लगी और न ही कोई खोजबीन की गई। शव मिलने के बाद ही गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिससे छात्रों में असंतोष और बढ़ गया है। मीडिया ने जब इस मामले पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों और प्रोफेसरों से बात करने की कोशिश की, तो ज्यादातर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और कैमरों से बचते नजर आए।
अब सवाल उठता है...
प्रदेश के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था आखिर कितनी कमजोर है कि एक छात्र लापता हो गया और प्रशासन को पता तक नहीं चला? यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की जिम्मेदारी और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल भी खड़ा करती है। अब देखना यह होगा कि पुलिस निष्पक्ष जांच करती है या यह मामला भी बाकी मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
एक मौत नहीं, एक चेतावनी:
गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी का यह मामला अब सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि एक कठोर चेतावनी है जब संस्थान सुरक्षा में चूक करते हैं, तो किसी मासूम छात्र की जिंदगी इसकी सबसे बड़ी कीमत बन जाती है।
