कोरबा,15 सितम्बर 2025 (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के तत्वावधान में तथा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशन पर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के अध्यक्ष श्री संतोष शर्मा के नेतृत्व में 13 सितंबर 2025 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन वर्चुअल एवं भौतिक दोनों माध्यमों से किया गया।
इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में लोक अदालत का संचालन हुआ। जिला न्यायालय कोरबा व तालुका विधिक सेवा समितियों कटघोरा, करतला और पाली में लंबित दांडिक, सिविल, मोटर दुर्घटना, राजस्व न्यायालय एवं प्री-लिटिगेशन के कुल 4,68,193 प्रकरण चिन्हित किए गए थे। लोक अदालत के लिए 48 खंडपीठों का गठन किया गया।
इस आयोजन में कुल 2,98,894 मामलों का सफल निपटारा किया गया। इनमें से 2,93,608 मामले प्री-लिटिगेशन चरण के थे और 5,286 मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित थे। इस दौरान कुल 13 करोड़ 49 लाख 55 हजार 167 रुपये का निपटारा हुआ।
लोक अदालत में आपराधिक राजीनामा योग्य मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा, धारा 138 एनआई एक्ट (चेक से संबंधित), वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, बैंक ऋण वसूली, बिजली एवं टेलीफोन बिल, भूमि अधिग्रहण और अन्य राजीनामा योग्य मामलों की सुनवाई की गई।
नेशनल लोक अदालत में लगे विभागीय स्टॉल और हितग्राही लाभ वितरण:
लोक अदालत के अवसर पर जिला न्यायालय परिसर कोरबा में समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्टॉल लगाए गए।
समाज कल्याण विभाग की ओर से हितग्राहियों को ट्रायसायकल, श्रवण यंत्र और छड़ी वितरित की गई। वितरण कार्यक्रम में श्री संतोष शर्मा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोरबा, श्री संतोष कुमार आदित्य, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश, श्री जयदीप गर्ग, विशेष न्यायाधीश, श्रीमती गरिमा शर्मा, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश, सुश्री सीमा प्रताप चन्द्रा, एफटीसी न्यायाधीश, कु. मयूरा गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सहित अन्य न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने उपस्थित पक्षकारों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और पंपलेट वितरित किए। स्वास्थ्य विभाग ने कई लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाएं वितरित कीं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हेल्प डेस्क से पक्षकारों को संबंधित न्यायालय तक पहुंचने में सहायता की गई।
उद्यानिकी विभाग ने न्यायालय में निराकृत मामलों के पक्षकारों को पौधों का वितरण किया।