रायपुर, 26 सितम्बर 2025 (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित सर्किट हाउस सभागार में आयोजित छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा में शामिल हुए। बैठक में वर्ष 2024-25 की ऑडिट रिपोर्ट का अनुमोदन, वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुतिकरण एवं पारित, ऑडिटर की नियुक्ति समेत कई अहम विषयों पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री एवं संघ के अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने इस मौके पर खिलाड़ियों के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ से ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 21 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, हमारी सरकार उन्हें पहचान दिलाने और निखारने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लंबे समय से बंद पड़े खेल अलंकरण समारोह को हमने पुनः प्रारंभ किया है और शीघ्र ही उत्कृष्ट खिलाड़ी सम्मान समारोह भी शुरू किया जाएगा।
ओलंपिक पदक विजेताओं के लिए विशेष प्रोत्साहन राशि:
मुख्यमंत्री साय ने घोषणा की कि ओलंपिक खेलों में प्रदेश के स्वर्ण पदक विजेताओं को तीन करोड़ रुपये, रजत पदक विजेताओं को दो करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे खिलाड़ियों का हौसला और भी बुलंद होगा।
खेल अधोसंरचना पर जोर:
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया के नए परिसरों की शुरुआत की गई है। कुछ महीने पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया के साथ भी खेल अधोसंरचना विस्तार पर विस्तार से चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि खेलों का बजट और बढ़ाया जाए तथा कॉरपोरेट जगत को भी इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाए।
भारत की मेजबानी और छत्तीसगढ़ की भूमिका:
सीएम साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2036 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी का प्रस्ताव रखा है और अहमदाबाद को इसके लिए चुना गया है। ऐसे में आने वाले वर्षों में भारत खेलों की दुनिया में महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ को भी राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए तैयार रहना होगा।
वनांचल की प्रतिभाओं को मिला मंच:
कैबिनेट मंत्री एवं संघ के उपाध्यक्ष केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताओं की शुरुआत हुई है, जिससे दूरस्थ वनांचल की प्रतिभाओं को मंच मिल रहा है और वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना पा रहे हैं।