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विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का आयोजन, हजारों की भीड़ उमड़ी |
कोरबा, 22 सितम्बर 2025 (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की ओर से रविवार को कोरबा शहर के ऐतिहासिक ओपन थियेटर घंटाघर मैदान में विशाल हिंदुत्व हुंकार रैली का आयोजन किया गया। धर्मांतरण, कथित लव जिहाद, लैंड जिहाद और गौ-तस्करी जैसे मुद्दों पर जागरूकता और विरोध दर्ज कराने के उद्देश्य से आयोजित इस रैली में भारी संख्या में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी और युवा पहुंचे। मैदान में उमड़ी भीड़ के कारण सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ी।
टी. राजा सिंह का उग्र संबोधन:
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तेलंगाना के विधायक और हिंदूवादी नेता टी. राजा सिंह ने मंच से fiery अंदाज में भाषण दिया। हाथ में तलवार लहराते हुए उन्होंने कहा, “धर्म की रक्षा के लिए हर हिंदू के घर में एक तलवार जरूर होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं और हिंदुओं को इसके खिलाफ सजग व संगठित होकर खड़ा होना होगा।
राजा सिंह ने लव जिहाद और गौ-तस्करी जैसे मुद्दों पर भी युवाओं को जागरूक किया। उनका कहना था कि यदि हिंदू समाज समय रहते एकजुट नहीं हुआ तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
सरकार धर्मांतरण कानून लाएगी – मंत्री गुरु खुशवंत:
रैली में शामिल प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने धर्मांतरण रोकने के लिए पहले ही कानून बनाने की घोषणा की है। आगामी विधानसभा सत्र में इस पर कठोर कानून लाया जाएगा, जिससे समाज को सुरक्षा और मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक भावनाओं और सामाजिक संरचना से जुड़े ऐसे मामलों को लेकर पूरी तरह गंभीर है और कठोर कदम उठाएगी।
मंच पर मौजूद रहे RSS और VHP पदाधिकारी:
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक सतेंद्र नाथ दुबे, प्रांत मंत्री विभूतिभूषण पांडेय, अध्यक्ष संतोष अग्रवाल, ऋषि, विजय कुमार राठौर और राणा मुखर्जी भी मंच पर मौजूद रहे। इन नेताओं ने भी हिंदू समाज को संगठित रहने और धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।
जय श्रीराम के नारों से गूंजा मैदान:
पूरे आयोजन के दौरान मंच के नीचे मौजूद युवाओं ने लगातार जोश और उत्साहपूर्वक के साथ ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाते रहें जिससे मैदान गूंजता रहा।
राजनीतिक और धार्मिक हलकों में चर्चा:
हिंदूवादी नेताओं के तीखे भाषण और धर्मांतरण पर कठोर कानून की मांग ने इस रैली को राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से चर्चा का विषय बना दिया है। विपक्षी दल जहां इस आयोजन को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से जोड़कर देख रहे हैं, वहीं समर्थक इसे हिंदू समाज की एकजुटता का प्रतीक बता रहे हैं।
रैली के सफल आयोजन के बाद अब निगाहें आने वाले विधानसभा सत्र पर टिकी हैं, जब सरकार धर्मांतरण रोकने के लिए प्रस्तावित कानून को सदन में प्रस्तुत करेगी।