कोरबा 23 सितंबर 2025( नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)/ कृषि विज्ञान केंद्र लखनपुर कटघोरा, कोरबा में दो दिवसीय मानव संसाधन विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम खरीफ 2025-26 का आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वनस्पति संरक्षण, संगरोध एवं संग्रह निदेशालय के अंतर्गत केंद्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केंद्र, रायपुर और कृषि विभाग जिला कोरबा के सयुक्त तत्त्वधान में 22 एवं 23 सितंबर को आयोजित किया गया। कार्यक्रम मे कुल 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान, किसान उत्पादक संगठन एवं किसान मित्र, महिला समूह के किसान, कृषि विस्तार अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का उद्घाटन कार्यालय प्रमुख श्री नीरज कुमार सिंह, उप निदेशक (की. वि.), एस. पी. सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, एम. एम. बघेल, सहायक संचालन कृषि के द्वारा किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रशिक्षणार्थी को श्री नीरज कुमार सिंह, उप-निदेशक (की.वि.) ने धान और सब्जी में लगाने वाले कीट और रोगों के लक्षण और उनके प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इसके अलावा कीटनाशकों का सुरक्षित और उचित उपयोग के बारे मे सभी किसानों को विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ आशीष जायसवाल, स.व.स.अ (पी.पी.), ने किसानों को बीजोपचार का महत्व और मक्का मे लगने विभिन्न प्रकार के कीड़े और रोगों के लक्षण और उनका प्रबंधन के बारे में बताया। श्री कन्हैया लाल वैज्ञानिक सहायक ने आईपीएम तकनीकों से अवगत कराया गया और संबंधित पद्धति को अपनाने के बारे में चर्चा की तथा एन.पी.एस.एस. एप के प्रयोग ओर उनको एप को मोबाइल में डाउनलोड कराया और ऐप की विशेषताओ के बारे मे विस्तार पूर्वक बताया गया तथा उसी के साथ विभिन्न प्रकार के प्रपंच जैसे की पीले एवं नीले चिपचिपा प्रपंच, फेरोमोन प्रपंच, प्रकाश प्रपंच, फ्रूट फ्लाई प्रपंच आदि के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि श्री डी. पी. एस. कंवर, कृषि विज्ञान केंद्र कोरबा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. एस. पी. सिंह, श्री डी. के. तँवर, श्री एम. एस. उर्रे, सुलोचना भूयां, अनामिका निराला, कृषि विभाग के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी सुश्री रुपाली कंवर, सुश्री प्रियंका कुर्रे, अविनाश पटेल सहित करतला विकासखंड के कृषि विकास अधिकारी श्री अजय कंवर सहित 09 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों ने भाग लिया।
अंत में किसानो को जैव नियंत्रण कारको का ट्राईकोडर्मा एसपीपी और मेटारिजियम एसपीपी का भी वितरण किया गया।