छत्तीसगढ़ का नया स्टेट कैपिटल रीजन: राजधानी विकास की बड़ी पहल को हरी झंडी


 



रायपुर, 15 सितम्बर 2025 (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)।छत्तीसगढ़ में नया स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) आकार लेने को तैयार है। राज्य सरकार को इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। आवास एवं पर्यावरण विभाग ने इस प्राधिकरण के गठन के लिए नया कानून बनाने की तैयारी पूरी कर ली है। विधि विभाग अब इस अधिनियम के मसौदे पर काम कर रहा है।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में जुलाई माह में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्राधिकरण के गठन संबंधी विधेयक को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद विधानसभा से इसे पारित कर राज्यपाल को भेजा गया। 2023 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने SCR बनाने का वादा किया था, और अब यह वादा पूरा होने की ओर बढ़ रहा है।



राज्य का सबसे बड़ा प्राधिकरण बनेगा SCR:


नया स्टेट कैपिटल रीजन प्राधिकरण राज्य का सबसे बड़ा निकाय होगा। इसकी परिकल्पना हैदराबाद के स्टेट कैपिटल रीजन मॉडल से प्रेरित है। मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि तीन मंत्री और वरिष्ठ सचिवों का एक विशेष दल इसका हिस्सा होगा।

इस प्राधिकरण को भूमि अधिग्रहण और लैंड डेवलपमेंट के विशेष अधिकार मिलेंगे। इसके अंतर्गत रायपुर, नवा रायपुर, भिलाई-दुर्ग क्षेत्र शामिल रहेंगे। भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर अभनपुर और राजनांदगांव तक क्षेत्र का विस्तार किया जा सकता है।



50 लाख आबादी को सीधा फायदा:


प्राधिकरण के दायरे में आने वाले शहरों और इलाकों में भविष्य में लगभग 50 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रारंभिक बजट में 5 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है, जबकि परियोजना पर करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।



23 शहरी निकाय और 700 गांव होंगे शामिल:


राज्य की लगभग 27% आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है, जो 2047 तक बढ़कर 45% तक पहुंचने की संभावना है। इस बढ़ती आबादी का मुख्य केंद्र राजधानी क्षेत्र होगा।

SCR क्षेत्र में 23 नगरीय निकाय और 700 से ज्यादा गांवों को शामिल करने की योजना है।



पर्यावरण और औद्योगिक विकास की जिम्मेदारी भी:


वर्तमान में छत्तीसगढ़ में नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम 1975 के तहत काम हो रहा है, जो केवल लेआउट पास करने और भवन निर्माण अनुमति तक सीमित है। लेकिन SCR प्राधिकरण को निवेश योजनाएं बनाने, लागू करने, औद्योगिक और आवासीय विकास की जिम्मेदारी भी दी जाएगी।

साथ ही, यह संस्था पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष योजनाएं बनाएगी और उन्हें लागू भी करेगी। क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और लैंड डेवलपमेंट का कार्य भी इसके अधीन होगा।