छत्तीसगढ़ में बारिश का कहर: बस्तर से मैदानी इलाकों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त, बीजापुर में बाढ़ जैसे हालात, 100 गांव जिला मुख्यालय से कटे, चेरपाल नदी में अधेड़ बहा, SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

 

नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ- चित्र 


छत्तीसगढ़, 04 सितम्बर 2025(नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)।छत्तीसगढ़ में लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। बस्तर से लेकर मैदानी जिलों तक तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। रायपुर, बलौदाबाजार और महासमुंद में रातभर हुई भारी बारिश से कई नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं।


महानदी में पानी का दबाव बढ़ा

गंगरेल डैम का पानी छोड़े जाने से महानदी उफान पर है। बलौदाबाजार-महासमुंद को जोड़ने वाला अमेठी एनीकट पुल पानी में डूब गया है। पुल पर 3-4 फीट तक पानी बहने से चार दिनों से इस रास्ते पर आवागमन बंद है। इसी तरह भाटापारा से सुहेला जाने वाला रास्ता भी पानी के तेज बहाव की वजह से बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर लोगों को चेतावनी दी है कि वे नदी-नालों के पास न जाएं।


बीजापुर में बाढ़ जैसे हालात

बीजापुर जिले में हालात ज्यादा गंभीर हैं। गंगालूर रोड की चेरपाल नदी में उफान आने से 100 से ज्यादा गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। इसी दौरान नदी पार करते समय एक अधेड़ व्यक्ति बह गया। SDRF की टीम उसकी तलाश कर रही है।


सेवाएं भी ठप, गांवों की निकासी शुरू

भारी बारिश से बीजापुर समेत प्रभावित जिलों में एंबुलेंस और अन्य इमरजेंसी सेवाएं भी रुक गई हैं। प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराना शुरू कर दिया है और लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित जगहों।  पर रहें।