रायपुर, 09 सितम्बर (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़) .छत्तीसगढ़ सरकार ने जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों को बड़ी राहत देते हुए नया नियम लागू किया है। अब हर बंदी को साल में कुल 42 दिन की छुट्टी मिलेगी। यह छुट्टी हर चार महीने में 14-14 दिनों की होगी।
हालांकि छुट्टी का लाभ उठाने वाले कैदियों को कड़ी शर्तों का पालन करना होगा। छुट्टी खत्म होने के तय दिन की शाम तक यदि कोई बंदी खुद जेल नहीं लौटता, तो उसे फरार माना जाएगा। इसके साथ ही उसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज होगी और पुलिस न्यायालय में चालान पेश करेगी।
इन कैदियों को नहीं मिलेगी छुट्टी:
जिन बंदियों को जेल के अंदर अपराध करने पर सजा या चेतावनी मिल चुकी हो। जो बंदी पहले छुट्टी के दौरान फरार हो चुके हों। जिन पर किसी अन्य आपराधिक मामले में मुकदमा लंबित हो या फरारी का केस चल रहा हो।
छुट्टी पर रहने की सख्त शर्तें:
बंदी केवल उसी स्थान पर जा सकेगा जिसका जिक्र उसने आवेदन में किया है। छुट्टी के दौरान कोई अपराध या लोकहित को नुकसान पहुंचाने वाला काम नहीं करेगा। बंदी को छुट्टी वाले स्थान पर पहुंचकर ग्राम सरपंच, कोटवार या वार्ड पार्षद को सूचना देनी होगी और रोज उनकी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। यदि हाजिरी नहीं दी गई, तो ग्राम प्रतिनिधि तुरंत पुलिस को सूचना देंगे।
नियम तोड़ने पर होगी कड़ी कार्रवाई:
जो बंदी छुट्टी के बाद समय पर वापस नहीं लौटेंगे, उन पर जेल से फरार होने का मुकदमा चलेगा। साथ ही जमानतदार पर भी केस दर्ज होगा और उसकी दी गई जमानत जब्त कर संपत्ति कुर्क करने तक की कार्रवाई होगी।