अतिथि व्याख्याता नीति पर महंत बोले– छत्तीसगढ़ में भर्ती सिर्फ मूल निवासियों के लिए हो

 



रायपुर, 23 सितम्बर 2025 (नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उच्च शिक्षा विभाग की अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में संशोधन कर छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही भर्ती में प्राथमिकता दी जाए।


महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि 20 जून 2024 से लागू की गई इस नई नीति में प्रदेश के युवाओं की अपेक्षा पूरी नहीं हुई है। पात्रता मानकों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि अभ्यर्थी छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए।



बाहर के अभ्यर्थियों को भी दी गई पात्रता:


महंत ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि इस नीति में बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को भी पात्र माना गया है, जो कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं के साथ न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वानों की नियुक्ति केवल वहीं के मूल निवासियों के लिए आरक्षित है, जबकि छत्तीसगढ़ में ऐसा प्रावधान नहीं किया गया।


नियुक्तियों में बाहरी उम्मीदवारों का चयन:


सरगुजा संभाग के एक महाविद्यालय में हाल ही में 34 पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती हुई, जिसमें 15 पद बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों को और 19 पद छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को मिले। महंत का कहना है कि इससे यह साबित होता है कि वर्तमान नीति छत्तीसगढ़ के हितों के विपरीत है।


18 अगस्त के आदेश से नाराज़गी:

उच्च शिक्षा आयुक्त द्वारा 18 अगस्त को जारी नए नियम ने स्थानीय युवाओं में गहरी नाराज़गी पैदा कर दी है। आदेश के मुताबिक, अब केवल समान अंक होने की स्थिति में ही छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस प्रावधान को लेकर बेरोजगार अभ्यर्थियों ने तीव्र विरोध दर्ज कराया है।



महंत ने जोर देकर कहा है कि अतिथि व्याख्याता नीति 2024 में तत्काल संशोधन कर केवल छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को ही पात्र माना जाए।