रायपुर, 05 सितम्बर 2025(नवचेतना न्यूज़ छत्तीसगढ़)। मानसून के बाद नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की तैयारी तेज हो गई है। शुक्रवार को नया रायपुर में वामपंथी उग्रवाद प्रभाग (LWE) की हाई-लेवल बैठक हुई, जिसकी अगुवाई केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और आईबी प्रमुख तपन कुमार डेका ने की। बैठक में चार राज्यों के डीजीपी, केंद्रीय सुरक्षा बलों के शीर्ष अफसर, खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि और नक्सल ऑप्स से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रणनीति पर चर्चा हुई, जिसमें 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का ऐलान किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में नक्सल ऑपरेशनों को ज्यादा आक्रामक बनाने, सीमावर्ती राज्यों में नक्सलियों की घेरेबंदी और खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया गया। खासतौर पर छत्तीसगढ़-ओडिशा, छत्तीसगढ़-तेलंगाना और मध्यप्रदेश के बालाघाट से सटे इलाकों में बढ़ती नक्सली गतिविधियों को देखते हुए संयुक्त बलों की चुनौती और बड़ी हो गई है। इस बैठक में CRPF, BSF, ITBP के शीर्ष अधिकारी, IB, NIA के निदेशक और राज्यों के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अधिकारियों का मानना है कि नक्सलियों पर प्रभावी कार्रवाई तभी संभव है जब अभियान पूरी तरह इंटेलिजेंस-आधारित हो। इसके लिए खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स के आधार पर बलों को मूव किया जाएगा, ताकि जंगलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में छिपे नक्सलियों पर सटीक और तेज कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही राज्यों के बीच बेहतर तालमेल और समय पर सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था को मजबूत करने पर भी विचार हो रहा है। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि अगर यह सिस्टम प्रभावी हुआ तो नक्सली किसी भी इलाके में सुरक्षित ठिकाना नहीं बना पाएंगे।